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राहु-केतु क्या होते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब राहु- केतु छाया ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र को जल्दी सीखने की दृष्टि से समझिए। राहु-केतु वह Power है जो सूर्य और चंद्रमा जैसे बड़े से बड़ों ग्रहों को परास्त कर देते हैं यानी कि राहु- केतु सूर्य चंद्रमा को ग्रहण लगा देते हैं।राहु -केतु को समझाने के लिए एक पौरणिक कथा: स्वरभानु एक राक्षस था जिसने छलपूर्वक अमृत पान कर अमर होने का प्रयास किया।मोहिनी रूप धारण करके विष्णु भगवान अमृत पिला रहे थे जब विष्णु भगवान ने यह देखा तो उन्होंने उस राक्षस का सुदर्शन चक्र से सिर काट दियाउसका सर बना राहु, और धड़ बना केतु।इन्हें ब्रह्मा के वरदान से ग्रहों की संज्ञा मिली । यही इस उत्तर का मूल स्रोत है। चित्र सोर्स है गूगल इमेजेस।

राहु-केतु क्या होते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब  राहु- केतु छाया ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र को जल्दी सीखने की दृष्टि से समझिए। राहु-केतु वह  Power  है जो सूर्य और चंद्रमा जैसे बड़े से बड़ों ग्रहों को परास्त कर देते हैं यानी कि राहु- केतु सूर्य चंद्रमा को ग्रहण लगा देते हैं। राहु -केतु को समझाने के लिए एक पौरणिक कथा:  स्वरभानु एक राक्षस था जिसने छलपूर्वक अमृत पान कर अमर होने का प्रयास किया।मोहिनी रूप धारण करके विष्णु भगवान अमृत पिला रहे थे जब विष्णु भगवान ने यह देखा तो उन्होंने उस राक्षस का सुदर्शन चक्र से सिर काट दिया उसका सर बना राहु, और धड़ बना केतु। इन्हें ब्रह्मा के वरदान से ग्रहों की संज्ञा मिली । यही इस उत्तर का मूल स्रोत है। चित्र सोर्स है गूगल इमेजेस।

🌹|| 01-11-2022 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन ||🌹💖💞🅱️🅰️🅱️🅰️💖💞🅱️🅰️🅱️🅰️💖💞🌷"मीठे बच्चे - अपनी बुद्धि किसी भी देहधारी में नहीं लटकानी है, एक विदेही बाप को याद करना है और दूसरों को भी बाप की ही याद दिलाना है"🌷प्रश्नः अपना जीवन हीरे जैसा श्रेष्ठ बनाने के लिए मुख्य किन बातों का अटेन्शन चाहिए?🌷उत्तर: By वनिता कासनियां पंजाब▪︎1- भोजन बहुत योगयुक्त होकर बनाना और खाना है। ▪︎2- एक दो को बाप की याद दिलाकर जीयदान देना है। ▪︎3- कोई भी विकर्म नहीं करना है। ▪︎4- फालतू बात करने वालों के संग से अपनी सम्भाल करनी है, झरमुई-झगमुई नहीं करना है। ▪︎5- किसी भी देहधारी में अपनी बुद्धि की आसक्ति नहीं रखनी है, देह-धारी में लटकना नहीं है। ▪︎6- कदम-कदम पर अविनाशी सर्जन से राय लेते रहना है। अपनी बीमारी सर्जन से नहीं छिपानी है। 🌹ओम् शान्ति🌹🌷बच्चे किसकी याद में बैठे हैं? (शिवबाबा की) शिवबाबा को ही याद करना है और कोई भी देहधारी को याद नहीं करना है। तुम्हारे सामने यह देहधारी बैठा हुआ है, इनको भी याद नहीं करना है। तुमको याद सिर्फ एक विदेही को करना है, जिसको अपनी देह नहीं है। यह मम्मा बाबा अथवा अनन्य सर्विसएबुल जो बच्चे हैं, वह सब सीखते हैं शिवबाबा द्वारा। तो याद भी शिवबाबा को ही करना है। भल कोई बच्चे जाकर किसको समझाते हैं तो भी बुद्धि में समझना है कि शिवबाबा ने इनको पढ़ाया है। बुद्धि में शिवबाबा की याद रहनी चाहिए न कि देहधारी की। अगर इस देहधारी को तुम याद करते हो, तो यह कॉमन हो जाता है। बाप कहते हैं कभी भी देहधारी में लटकना नहीं है। तुमको याद एक को करना है - जो सभी को सद्गति देने वाला है। अगर इस साकार को याद किया तो वह याद निष्फल है। जैसे लौकिक बाप को बच्चे याद करते हैं, उनसे कोई फ़ायदा नहीं होता। कोई ब्राह्मणी को याद किया कि हमको फलानी ब्राह्मणी पढ़ावे, तो निष्फल हुआ। कोई की भी याद नहीं रहनी चाहिए। हमको शिवबाबा पढ़ा रहे हैं, कल्याणकारी शिवबाबा है। देहधारी पर कभी बलिहार नहीं जाना होता है। यह बाबा भी तुमको कहते हैं मनमनाभव। देहधारी को याद किया तो दुर्गति को पायेंगे। बाप जानते हैं कोई-कोई की ब्राह्मणी के साथ बुद्धि जुट जाती है, यह राँग है। देहधारी में आसक्ति नहीं होनी चाहिए। बाबा का फरमान है मामेकम् याद करो। सुबह को उठकर मुझे याद करो। देहधारी को लौकिक कहा जायेगा। उनको याद नहीं करना है। एक मुझ निराकार को ही याद करो। गायन भी एक का ही है। शिवाए नम:, शिव है विदेही। वर्सा तुमको बाप से लेना है। यह देह भी उनकी नहीं है।🌷बाप कहते हैं इस शरीर द्वारा मैं सिर्फ तुमको पढ़ाता हूँ, क्योंकि मुझे अपना शरीर नहीं है इसलिए इनका आधार लेता हूँ। कल्प पहले इन द्वारा मैंने तुम बच्चों को सहज राजयोग सिखाया था, जिससे तुम पावन बने थे। मेरी सेवा ही यह है - पतितों को पावन बनाना। बाकी कृपा या आशीर्वाद मांगना फालतू है। यह बातें भक्तिमार्ग में चलती हैं, यहाँ नहीं हैं। ऐसे भी नहीं कोई बीमार हो जाए, मैं ठीक कर दूँ, यह मेरा धन्धा नहीं है। पुकारते हैं हम पतितों को आकर पावन बनाए दुर्गति से सद्गति में ले चलो। गाते हैं परन्तु अर्थ नहीं जानते। भगत तो सारी दुनिया में हैं, वह सब किसको याद करते हैं? एक पतित-पावन बाप को। सारी दुनिया के मनुष्यमात्र का वह लिबरेटर है, गाईड भी है। दु:ख से लिबरेट कर परमधाम में ले जाने वाला बाप ही है। तो बाप की श्रीमत पर चलना चाहिए। कदम-कदम पर राय लेनी चाहिए कि इस हालत में क्या करें? सर्जन तो एक ही है। यह (ब्रह्मा) सर्जन के रहने और बोलने की जगह है। इस सर्जन जैसी मत कोई और दे न सके। बच्चों को टाइम वेस्ट नहीं करना चाहिए। दिन प्रतिदिन आयु कमती होती जाती है। विनाश सामने खड़ा है - ग़फलत की तो बहुत पछताना पड़ेगा। झरमुई-झगमुई करने में टाइम गँवाने से तुम्हारा बहुत नुकसान होता है। तुमको औरों को बचाना है। मनुष्य तो एक दो को बाप से मिलाते नहीं और ही दूर करते हैं। इस समय सबकी उतरती कला है तो जरूर उल्टी मत देंगे। बच्चों को अब ज्ञान मिला है तो कोई भी विकर्म नहीं करना चाहिए। छिपाना नहीं चाहिए। यह तो तुम जानते हो हम जन्म-जन्मान्तर पाप करते ही आये हैं। बाप का बनकर अगर पाप करते होंगे तो और क्या कहेंगे। यह कहते हैं हमको परमात्मा पढ़ाते हैं और खुद पाप करते रहते हैं! पाप करके फिर न बताने से वह बोझा उतरता नहीं। आदत पक्की हो जाती है। समझते हैं हमको कोई देखता नहीं है। भगवान तो देखता है ना। नहीं तो सज़ा कैसे मिलती है - गर्भ में। दिल अन्दर खाता है कि हमसे यह पाप हुआ। समझो कोई विकार में जाकर फिर यहाँ आकर बैठते हैं। बाप को तो मालूम पड़ता है - बहुत ही तुच्छ बुद्धि हैं जो समझते नहीं, पाप करते रहते हैं, सुनाते नहीं। कई बातें साकार बाप भी जान लेते हैं, परन्तु बच्चे सुनाते नहीं हैं। बाप कहते हैं पाप करते रहेंगे तो वृद्धि होती रहेगी फिर सौगुणा दण्ड भोगना पड़ेगा। चोर चोरी करता रहता है, उनको चोरी बिगर कुछ सूझता ही नहीं है। उनको जेल बर्ड कहा जाता है। बाप बच्चों को समझाते हैं कि सिवाए बाप की याद दिलाने के और कोई झरमुई-झगमुई की फालतू बात करे तो समझो यह दुश्मन है। फालतू बातें न करनी है, न सुननी है। एक दो को सावधानी देते रहो कि शिवबाबा को याद करो। कोई को फिर गुस्सा भी लगता है कि फलाना मुझे क्यों कहता है? परन्तु तुम्हारा फ़र्ज है याद दिलाना। याद से विकर्म विनाश होंगे। जब तक कर्मातीत अवस्था नहीं आई है तो मन्सा-वाचा-कर्मणा कुछ न कुछ भूलें तो होती रहती हैं। कर्मातीत अवस्था पिछाड़ी में आयेगी। सो भी थोड़े पास विद ऑनर होंगे। जो सर्विस नहीं करते उनकी यह अवस्था आयेगी नहीं। सर्विस पर जो रहते हैं वह एक दो को याद कराते रहते हैं - परमपिता परमात्मा के साथ तुम्हारा क्या सम्बन्ध है? बाबा अपना मिसाल बताते हैं कि मैं भी भोजन पर बैठता हूँ, स्नान करता हूँ, तो मुझे भी याद दिलाओ कि शिवबाबा को याद करो। भल खुद याद न भी करे, परन्तु बाबा का डायरेक्शन अमल में लाना चाहिए। अगर अपना कल्याण करना चाहते हो तो याद दिलाओ एक दो को। ब्रह्मा भोजन की बहुत महिमा है। भोजन बनाने वाले ब्राह्मणों का योग ठीक चाहिए तब तो भोजन में ताकत आयेगी। याद से ही तुमको जीयदान मिलता है। अपना हीरे जैसा जीवन बनाना है। सहज ते सहज बात है मुझे याद करो, पवित्र बनो। पतित बनें तो सौगुणा दण्ड पड़ जायेगा। मुझ बाप को याद करते रहेंगे तो विकर्म भी विनाश होंगे और हम वर्सा भी देंगे। थोड़ा याद करेंगे तो वर्सा भी थोड़ा मिलेगा। गीता में भी आदि और अन्त में आता है मनमनाभव। कोई भी देहधारी की याद नहीं आनी चाहिए। शिवबाबा को याद करेंगे तो तुम्हारा कल्याण होगा। पाप दग्ध होंगे। गंगा में स्नान करने से कोई पाप विनाश नहीं होते हैं। भल कहते हैं भावना है परन्तु भावना ही राँग है। गंगा पतित-पावनी नहीं है। पतित-पावन एक बाप है। कोई भी स्थूल चीज़ को तुम्हें याद नहीं करना है। एक शिवबाबा को ही याद करना है।🌷आत्मा कहती है - हे गॉड फादर, हे परमपिता परमात्मा। बाप कहते हैं मैं आया हूँ तुमको बिल्कुल सहज उपाय बताता हूँ कि मुझे याद करो। अन्त में मेरी याद रहेगी तो तुम मेरे पास चले आयेंगे। जीव और आत्मा है ना। मनुष्य आत्मा को पाप आत्मा, पुण्य आत्मा कहा जाता है। पुण्य परमात्मा नहीं कहा जाता है। आत्मा ही पतित बनती है तो फिर शरीर भी पतित मिलता है। बाप आत्माओं से बात करते हैं। आत्मा अविनाशी है। बाप बच्चे दोनों अविनाशी हैं। बाप कहते हैं लाडले, सिकीलधे बच्चों, मैं एक ही बार आकर तुमको पावन बनाता हूँ। तुमको आत्म-अभिमानी बनाए कहता हूँ अशरीरी भव, मुझ बाप को याद करो। बस यह है आत्मा की यात्रा। वह होती है शारीरिक यात्रा। यहाँ तो तुम जानते हो कि आत्माओं को अब वापिस जाना है। योग अग्नि से ही तुम्हारे जन्म-जन्मान्तर के पाप कटेंगे। तुम्हें ब्राह्मण बनना है। नहीं बनेंगे तो प्रजा में हल्का पद पायेंगे। कुछ न कुछ सुनते हैं तो उसका विनाश नहीं होगा। जो अच्छी तरह पढ़ेंगे, पढ़ायेंगे वही ऊंच पद पायेंगे। सहज ते सहज बात है याद की। परमपिता परमात्मा को याद करना है। ऊंच ते ऊंच एक ही भगवान है - इसलिए गीत भी शिवबाबा का ही गाने से ठीक है। तुम्हारी बुद्धि वहाँ रहनी चाहिए कि शिवबाबा हमको सुनाते हैं। अभी नाटक पूरा होता है। हम सब एक्टर्स को अब शरीर का भान छोड़ वापिस घर जाना है। बाप को याद करने से विकर्म विनाश होंगे फिर जितना याद करेंगे उतना ऊंच पद पायेंगे। जैसे एक पिल्लर बनाते हैं ना, जहाँ दौड़ी लगाए हाथ लगाते हैं फिर जो पहले पहुँचें। तुम्हारा पिल्लर शिवबाबा है। याद के यात्रा की दौड़ी है। जितना याद करेंगे उतना जल्दी पिल्लर तक पहुँचेंगे फिर आना है स्वर्ग में। इस यात्रा में थकना नहीं है। अब तो दु:खधाम खत्म हुआ। हमको तो सुखधाम, शान्तिधाम में जाना है। आज दु:खधाम है, कल सुखधाम होगा। अब यही बाप की याद सबको दिलाओ। बाप ने हथेली पर बहिश्त लाया है। कहते हैं मामेकम् याद करो तो बेड़ा पार हो जायेगा। टाइम वेस्ट मत करो। भक्ति में भी बहुत झरमुई-झगमुई की। भक्ति में कितनी रड़ियाँ मारते हैं कि भगवान हमारी सद्गति करने आओ। अब बाप आये हैं, समझाते हैं बच्चे पवित्र बनो। भल युगल इकट्ठे रहो, देखो आग तो नहीं लगती है? आग लगी तो पद भ्रष्ट हो पड़ेगा। एक बार आग लगी तो फिर लगती ही रहेगी, इसलिए अपने को सम्भालना भी है। योग में रहने की बड़ी प्रैक्टिस चाहिए। योग में भल कितना भी आवाज हो, अर्थक्वेक हो, बाम्ब गिरें, देखें क्या होता है। इन बातों से डरना नहीं है। यह तो जानते ही हैं कि रक्त की नदियाँ भारत में ही बहनी है। पार्टीशन में रक्त की नदियाँ बही ना। अजुन तो बहुत आफतें आनी हैं, तुमको देखना है, मिरूआ मौत मलूका शिकार। तुम फरिश्ते बन रहे हो। जो अच्छे सर्विसएबुल होंगे वही उस समय ठहर सकेंगे, इसमें बहुत मज़बूती चाहिए। शिवबाबा को याद करना है। शिवबाबा जैसा मीठा बाप फिर कभी नहीं मिल सकता। उनकी ही मत पर चलना है। मुख्य बात ही है पवित्र बनने की। पतित उनको कहा जाता, जो विकार में जाते हैं। देवतायें हैं ही सम्पूर्ण निर्विकारी। यहाँ तो सब हैं विकारी। वह है - शिवालय। यह है वैश्यालय। अब विकारी से निर्विकारी बन स्वर्ग का राज्य भाग्य लेना है। बाप कहते हैं मैं पावन दुनिया स्थापन करने आया हूँ। तुमको मैं पावन दुनिया का मालिक बनाऊंगा। सिर्फ पवित्र बनने की मदद करो, सबको बाप का निमंत्रण दो। पांच हजार वर्ष पहले भी जब मैंने गीता सुनाई थी तो कहा था मामेकम् याद करो तो पावन बनेंगे। चक्र को फिरायेंगे तो चक्रवर्ती राजा रानी बनेंगे। हेल्थ वेल्थ और हैपीनेस मिलेगी। सतयुग में सब कुछ था ना। बाप कहते हैं मेरे को याद करो तो कभी 21 जन्म रोगी नहीं बनेंगे। स्वदर्शन चक्र फिराते रहेंगे तो तुम चक्रवर्ती राजा बनेंगे। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ - भगवानुवाच, बाबा सिर्फ अल्फ और बे पढ़ाते हैं। मनमनाभव और मध्याजी भव, बस। पढ़ाई भी कितनी सहज है। बस दिल पर यह लिख दो। कोई विरले व्यापारी इस धन्धे की युक्ति उस्ताद से लेते हैं। वह धन्धे आदि भल करो, मना थोड़ेही है। ▪︎अच्छा!▪︎🌷मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चे जो खुद भी अल्फ और बे को याद करते और दूसरों को भी याद दिलाते हैं वही प्यारे लगते हैं। ऐसे बच्चों को मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।🌷धारणा के लिए मुख्य सार:▪︎1) याद की यात्रा में थकना नहीं है, एक दो को सावधान करते बाप की याद दिलानी है। अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है। झरमुई-झगमुई (परचिंतन) न करना है, न सुनना है।▪︎2) पास विद ऑनर होने के लिए मन्सा-वाचा-कर्मणा कोई भी भूल नहीं करनी है।🌷वरदान: दृढ़ संकल्प द्वारा असम्भव को सम्भव कर सफलता का अनुभव करने वाले निश्चित विजयी भव I संगमयुग को विशेष वरदान है - असम्भव को सम्भव करना इसलिए कभी यह नहीं सोचो कि यह कैसे होगा। ‘कैसे' के बजाए सोचो कि ‘ऐसे' होगा। निश्चय रखकर चलो कि यह हुआ ही पड़ा है सिर्फ प्रैक्टिकल में लाना है, रिपीट करना है। दृढ़ संकल्प को यूज़ करो। संकल्प में भी क्या-क्यों की हलचल न हो तो विजय निश्चित है ही। दृढ़ संकल्प यूज़ करना अर्थात् सहज सफलता प्राप्त कर लेना।🌷स्लोगन: सदा करनकरावनहार बाप की स्मृति रहे तो भान और अभिमान समाप्त हो जायेगा।💖💞ओम शान्ति💖💞

🌹|| 01-11-2022 प्रात:मुरली      ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन ||🌹 💖💞🅱️🅰️🅱️🅰️💖💞🅱️🅰️🅱️🅰️💖💞 🌷"मीठे बच्चे - अपनी बुद्धि किसी भी देहधारी में नहीं लटकानी है, एक विदेही बाप को याद करना है और दूसरों को भी बाप की ही याद दिलाना है" 🌷प्रश्नः अपना जीवन हीरे जैसा श्रेष्ठ बनाने के लिए मुख्य किन बातों का अटेन्शन चाहिए? 🌷उत्तर:  By वनिता कासनियां पंजाब ▪︎1- भोजन बहुत योगयुक्त होकर बनाना और खाना है। ▪︎2- एक दो को बाप की याद दिलाकर जीयदान देना है। ▪︎3- कोई भी विकर्म नहीं करना है।  ▪︎4- फालतू बात करने वालों के संग से अपनी सम्भाल करनी है, झरमुई-झगमुई नहीं करना है।  ▪︎5- किसी भी देहधारी में अपनी बुद्धि की आसक्ति नहीं रखनी है, देह-धारी में लटकना नहीं है।  ▪︎6- कदम-कदम पर अविनाशी सर्जन से राय लेते रहना है। अपनी बीमारी सर्जन से नहीं छिपानी है।            🌹ओम् शान्ति🌹 🌷बच्चे किसकी याद में बैठे हैं? (शिवबाबा की) शिवबाबा को ही याद करना है और कोई भी देहधारी को याद नहीं करना है। तुम्हारे सामने यह देहधारी बैठा हुआ है, इनक...

▪︎ओम शांति▪︎▪︎31.10.2022▪︎ ★【परमात्म शिक्षाएं】★▪︎1)अगर किसी का कल्याण चाहते हो, तो सबसे पहले अपना कल्याण कर लो। क्योंकि ▪︎स्वयं के कल्याण में ही सबका कल्याण समाया हुआ है।▪︎पर होता क्या है...? हम खुद समझें-न-समझें, परन्तु दूसरों को समझानी देने में हमें बहुत मज़ा आता है...! क्योंकि ▪︎ज्ञान सुनाना हमें सहज लगता है, और स्वयं का परिवर्तन करना मुश्किल...!▪︎ इसलिए हम सहज रास्ता पकड़ लेते हैं और स्व-परिवर्तन कर नहीं पाते।▪︎2) सरल nature वाला जो होता है, वह कोई भी बात को ज्यादा देर तक पकड़ ही नहीं सकता..., वह छोड़ देता झट से। क्योंकि यह संस्कारों की बात होती है। जिसके जैसे संस्कार होते हैं, वही काम करते हैं। परंतु जिसके-जिसके पकड़ने के संस्कार हैं, वह अब अपने अंदर से यह सब निकाल दे। वह पकड़ने की आदत को छोड़ दे। वह ना पकड़े कुछ भी। क्योंकि यह वर्तमान का समय बहुत wonderful है। यह साधारण समय नहीं है। और इसमें ▪︎जीत उन्हीं की होती है, जिनके साथ परमात्मा बाप है। और किन बच्चों की जीत होती है? जो परमात्मा पिता को अपने साथ रखते हैं। जिन बच्चों के साथ परमात्मा बाप है और जो उसको साथ रखते हैं।▪︎▪︎▪︎ परमात्मा को साथ रखना अर्थात उसकी शिक्षाओं को, उसकी श्रीमत को साथ रखना। उसकी श्रीमत प्रमाण ही अपने संकल्प, बोल और कर्म रखना।▪︎3) जहाँ attachment है, अर्थात मैं और मेरापन है, तो वहाँ निश्चय में कमी आयेगी ही आयेगी। और जहाँ निश्चय है कि मेरे साथ है कौन...? - तो वहाँ निश्चिन्त स्थिति हो जाती है।बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम▪︎4) जब परिस्थिति पेपर लेने आती है, तब हम अपने मन की स्थिर स्थिति से उतरकर अकेले ही उसका सामना करने लग जाते हैं, और पेपर पास करने में असफल हो जाते हैं...! इसलिए आप और बाबा (परमात्मा शिव) इस combined स्वरूप का अभ्यास करो।

▪︎ओम शांति▪︎ ▪︎31.10.2022▪︎              ★【परमात्म शिक्षाएं】★, ▪︎1) अगर किसी का कल्याण चाहते हो, तो सबसे पहले अपना कल्याण कर लो। क्योंकि ▪︎स्वयं के कल्याण में ही सबका कल्याण समाया हुआ है।▪︎ पर होता क्या है...? हम खुद समझें-न-समझें, परन्तु दूसरों को समझानी देने में हमें बहुत मज़ा आता है...! क्योंकि ▪︎ज्ञान सुनाना हमें सहज लगता है, और स्वयं का परिवर्तन करना मुश्किल...!▪︎ इसलिए हम सहज रास्ता पकड़ लेते हैं और स्व-परिवर्तन कर नहीं पाते। ▪︎2)  सरल nature वाला जो होता है, वह कोई भी बात को ज्यादा देर तक पकड़ ही नहीं सकता..., वह छोड़ देता झट से। क्योंकि यह संस्कारों की बात होती है। जिसके जैसे संस्कार होते हैं, वही काम करते हैं। परंतु जिसके-जिसके पकड़ने के संस्कार हैं, वह अब अपने अंदर से यह सब निकाल दे। वह पकड़ने की आदत को छोड़ दे। वह ना पकड़े कुछ भी।  क्योंकि यह वर्तमान का समय बहुत wonderful है। यह साधारण समय नहीं है। और इसमें ▪︎जीत उन्हीं की होती है, जिनके साथ परमात्मा बाप है। और किन बच्चों की जीत होती है? जो परमात्मा पिता को अपने साथ रखते ...

मेष – एलर्जी आज थोड़ी समस्या खड़ी कर सकती हैएलर्जी या सर्दी-खांसी के कारण आज सेहत पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। अच्छा महसूस करने के लिए भाप लेना शुरू करें। नौकरी वाले लोगों को नए टीम के सदस्यों के साथ काम करने का मौका मिल सकता है। आज आप किसी प्रकार के रिसर्च में भी शामिल हो सकती हैं, जो आपके कार्यो में आपकी मदद करेगा। आज परिवार के सदस्य भी अपने जीवन में व्यस्त हो सकते हैं। आप काम से जुड़े मुद्दों पर परिवार के किसी बड़े सदस्य से सलाह लेने का प्रयास कर सकती हैं। आपका सामाजिक जीवन भी स्थिर बना रहेगा।लव टिप – काम में देरी पार्टनर से गलतफहमी का कारण बन सकती है। अपने पार्टनर से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं रखेंएक्टिविटि टिप – स्वीमिंग करें या लंबा समय पानी में बिताएंकार्य के लिए शुभ रंग – गहरा गुलाबीप्यार के लिए शुभ रंग – पीलाकर्म टिप – समस्याओं को ज्यादा नहीं बढ़ाएंवृषभ – अत्यधिक काम समस्या खड़ी कर सकता हैअधूरी नींद और लंबे समय तक काम करने के कारण स्वास्थ्य संवेदनशील हो सकता है। नौकरी करने वालों के लिए आज नए प्रोजेक्ट्स या नई नौकरी पर स्पष्टता आने की संभावना हो सकती है। आज फाइनेंस स्थिर रहेगा साथ ही आप अपनों का ख्याल भी रख पाएंगी। पारिवारिक जीवन अस्थिर रहेगा, क्योंकि हो सकता है कि आपका कोई अपना आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। सामाजिक जीवन पीछे छूट सकता है, क्योंकि आप घर पर समय बिताना चाहेंगी और अच्छी नींद लेना चाहेंगी।लव टिप – अपने पार्टनर के साथ मतभेद नहीं रखेंएक्टिविटि टिप – अपना मनपसंद भोजन पकाने से आपको बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती हैकाम के लिए शुभ रंग – मौवप्यार के लिए शुभ रंग – गहरा हराकर्म टिप – अतीत को जाने देंमिथुन – आज काम और सेहत स्थिर बने रहेंगेआज स्वास्थ्य स्थिर बना रहेगा। लेकिन संचार से जुड़ी किसी समस्या के कारण काम स्थिर हो सकता है। कुछ मीटिंग्स के लिए आपको लोगों के साथ आगे-पीछे होना पड़ सकता है। लेकिन आखिर में सभी चीजें ठीक होती जाएंगी। पारिवारिक ड्रामा चलता रहेगा और आप किसी के द्वारा की गई टिप्पणियों से प्रभावित हो सकती हैं। खुद को शांत रखने के लिए किसी दोस्त से बात करें।लव टिप – आज पार्टनर सपोर्टिव रहेगा और आपको तनाव को दूर करने के लिए समय और स्पेस देगाएक्टिविटि टिप – गहरी सांस लेने या जप करने से आपको शांत होने में मदद मिलेगीकार्य के लिए शुभ रंग – ऑफ-व्हाइटप्यार के लिए शुभ रंग – कालाकर्म टिप – खुद पर भरोसा बनाएं रखेंकर्क – काम पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंस्वास्थ्य स्थिर बना रहेगा लेकिन काम पर किसी आलोचना के प्रति आप संवेदनशील हो सकती हैं। आपको काम पर ध्यान देने के साथ लोगों को स्पेस देने की आवश्यकता है। उल्टा रिएक्शन करने से चीजें और ज्यादा खराब हो सकती हैं। पारिवारिक जीवन स्थिर बना रहेगा और आप परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता पाएंगी। आज कुछ सामाजिक योजनाएं आपका मनोरंजन कर सकती हैं। दोस्त आपको बेहतर तरीके से समझेंगे और आपके विजन पर ध्यान भी देंगे।लव टिप – आज पार्टनर आपकी सेहत को लेकर चिंतित हो सकता हैएक्टिविटि टिप – मेडिटेटिव संगीत सुनने में समय व्यतीत करेंकार्य के लिए शुभ रंग – पीलाप्यार के लिए शुभ रंग – सफेदकर्म टिप – लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देंसिंह – अपने पारिवारिक जीवन को स्थिर बनाएं रखेंकमर के निचले हिस्से की समस्या के कारण स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। खुद को ज्यादा जोर नहीं डाले। आज काम में व्यस्तता आने की संभावना है। पुराने क्लाइंट से ज्यादा काम मिलने की संभावना भी है। काम पर दूसरों के फैसलों को नज़रअंदाज करने की गलती नहीं करें। फिर भले ही आप उनसे सहमत नहीं हों। परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव होने के कारण आपका पारिवारिक जीवन अस्थिर हो सकता है। आज सामाजिक जीवन आपकी शाम व्यस्त रख सकते हैं।लव टिप – आज पार्टनर चिड़चिड़ा होने के कारण तनाव में हो सकता हैएक्टिविटि टिप – कोई खेल खेलना शुरू करेंकार्य के लिए शुभ रंग – गहरा गुलाबीप्यार के लिए शुभ रंग – हल्का हराकर्म टिप – अतित को जाने देंकन्या – अत्यधिक तनाव परेशानी खड़ी कर सकता हैब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होने के कारण सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। ज्यादा तनाव लेने से परहेज करें। आज काम पर दिन स्थिर रहेगा, लेकिन मीटिंग्स में देरी होने की संभावना भी है। इससे आपको तैयारी करने के साथ योजना बनाने का पर्याप्त समय मिल पाएगा। अतीत से किसी मतभेद के कारण पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण हो सकता है। कोई आपके चीजों को छुपाने की कोशिश करेगा, जो मतभेद का कारण बन सकता है। आज सामाजिक जीवन भी पीछे छुट्ने की संभावना है।लव टिप – पार्टनर आज आपको बेहतर महसूस कराने की कोशिश करेगाएक्टिविटि टिप – अपने कमरे को व्यवस्थित करके रखेंकार्य के लिए शुभ रंग – हल्का हराप्यार के लिए शुभ रंग – गहरा नीलाकर्म टिप – एक अच्छी श्रोता बनेंतुला – आज सेहत पर खास ध्यान देने की कोशिश करेंसिर दर्द और आंखों से जुड़ी समस्याओं के कारण सेहत पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। काम स्थिर बना रहेगा, लेकिन सहकर्मियों के साथ सहनशील बनी रहें। क्योंकि सिर्फ उनके काम करने का तरीका अलग हो सकता है। अगर आप सम्मान पाना चाहती हैं, तो उनके फैसलों का सम्मान करने की कोशिश करें। आज परिवार के किसी सदस्य के भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। क्योंकि उनके जीवन में चल रहे तनाव के कारण वे परेशान हो सकती हैं। आपका कोई पुराना दोस्त आपसे संपर्क करने की कोशिश कर सकता है।लव टिप – पार्टनर आज आपकी बहुत ज्यादा केयर कर सकता हैएक्टिविटी टिप – प्रकृति के बीच समय बिताएंकार्य के लिए शुभ रंग – हल्का हराप्यार के लिए शुभ रंग – लैवेंडरकर्म टिप – अधिक गंभीर बनी रहेंवृश्चिक – मानसिक तनाव परेशानी का कारण बन सकता हैआज आपका काम और सेहत स्थिर बने रहेंगे, लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण आपको ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है। आज आपको गंभीर होने की आवश्यकता है, लेकिन कोई शारीरिक कदम उठाने की कोशिश नहीं करें। पुराने ग्राहक अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए आप पर दबाव बना सकते हैं। आपके परिवार के सदस्य आपसे नाराज हो सकते हैं। सामाजिक जीवन स्थिर बना रहेगा। आपका कोई दोस्त व्यापार के नए विचारों पर बातचीत करने के लिए आ सकता है।लव टिप – पार्टनर सपोर्टिव बना रहेगा और आपको स्पेस देने की कोशिश करेगाएक्टिविटि टिप – अपने मूड को बेहतर करने के लिए अच्छी फिल्में देखना शुरू करेंकार्य के लिए शुभ रंग – ऑफ-व्हाइटप्यार के लिए शुभ रंग – लालकर्म टिप – मूडी बनने से परहेज करेंधनु – बाहर के खाने से परहेज करने की कोशिश करेंपेट से जुड़ी समस्याओं के कारण सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए बाहर के खाने से परहेज रखें। आज काम में व्यस्तता हो सकती है। आपको रुके हुए कार्यो को पूरा करने पर ध्यान देना होगा। इससे बचने के बजाय अधिक गंभीर बनने का प्रयास करें। काम पर अटका हुआ धन दिन के दूसरे भाग में देरी का कारण बन सकता है। परिवार के किसी बड़े सदस्य का स्वास्थ्य संवेदनशील हो सकता है। उनके साथ समय बिताएं, क्योंकि वे भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस कर रहे होंगे।लव टिप – पार्टनर पर गुस्सा करने से परहेज करेंएक्टिविटि टिप – काम के बाद नमक के पानी से स्नान करेंकार्य के लिए शुभ रंग – गहरा नीलाप्यार के लिए शुभ रंग – सफेदकर्म टिप – अधिक फ्लेक्सिबल बनी रहेंमकर – सोच समझकर ही कोई फैसला करेंआज काम स्थिर बना रहेगा, लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण आपको ध्यान केंद्रित करने में समस्या होगी। आपको गंभीर होने की जरूरत भी है, लेकिन आज कोई शारीरिक कदम नहीं उठाएं। आपके परिवार के सदस्य घरेलू काम से जुड़े किसी कार्य के लिए आपको परेशान कर सकते हैं। सहनशील बनकर इसे पूरा करें या इसे किसी ऐसे व्यक्ति को सौंपें जो इसे संभाल सके। आज आपका सामाजिक जीवन स्थिर बना रहेगा। आप दूसरे के दोस्तों से फोन के जरिए जुड़ सकती हैं।लव टिप – पार्टनर रिलेशनशिप पर स्पष्टता पाने के लिए आपके साथ चर्चा करना चाहेगाएक्टिविटि टिप – अपनी भावनाओं पर काम करते हुए अकेले समय बिताएंकार्य के लिए शुभ रंग – हल्का गुलाबीप्यार के लिए शुभ रंग – सफेदकर्म टिप – खुद पर भरोसा बनाएं रखेंकुंभ – आज कोई शारीरिक गतिविधि करना बेहतर होगास्वास्थ्य स्थिर बना रहेगा। आपको किसी शारीरिक गतिविधि पर ध्यान देने की जरूरत होगी। काम पर आपको किसी पेपर वर्क पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। आज दिन के दूसरे भाग में सहकर्मियों से अच्छी खबर मिलने की संभावना भी है। व्यवसाय वालों को अपनी टीम का विस्तार करने की जरूरत हो सकती है। परिवार के सदस्य आपको समझेंगे और स्पेस देने की कोशिश करेंगे। आज आपका सामाजिक जीवन स्थिर भी स्थिर बना रहेगा।लव टिप – पार्टनर अपने काम को लेकर तनाव में रहेगा और अपनी समस्या आपसे शेयर भी करेगाएक्टिविटि टिप – अपनी रचनात्मक ऊर्जा पर काम करना शुरू करेंकार्य के लिए शुभ रंग – ऑफ-व्हाइटप्यार के लिए शुभ रंग – समुद्री हराकर्म टिप – अपने फैसलों के लिए अनुमोदन नहीं लेंमीन – आज नींद में समस्या होने की संभावना हैनींद में समस्या होने की संभावना है। लेकिन काम के तनाव के कारण इमोशनल ईटिंग नहीं करें। काम स्थिर बना रहेगा। आज एक सामान्य दिन होगा जहां आपको अधूरे कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत होगी। सहकर्मी अपनी जिम्मेदारीयों में व्यस्त रहेंगे जिससे आप आसानी से अपने कार्यो पर ध्यान दे पाएंगी। परिवार के सदस्य सहायक बने रहेंगे और आपको स्पेस देने की कोशिश करेंगे। आज आपका सामाजिक जीवन भी पीछे छूट सकता है, क्योंकि आपको अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की जरूरत होगी।लव टिप – पार्टनर के साथ मनमुटाव को समय से सुलझाने की कोशिश करेंएक्टिविटी टिप – काम से पहले नमक के पानी से नहाएंकार्य के लिए शुभ रंग – सफेदप्यार के लिए शुभ रंग – मौवकर्म टिप – अपनी रचनात्मक ऊर्जा पर काम करें#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम .सभी देशवासियों को लोक आस्था एवं सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक बधाई। भगवान सूर्य देव की ऊर्जा एवं मां छठ की असीम कृपा से हम सभी का जीवन ज्योतिर्मय रहें तथा चहुंओर खुशहाली एवं समृद्धि का वास हो। लोक आस्था के महापर्व 'छठ' की हार्दिक शुभकामनाएं।भारतीय संस्कृति और प्रकृति के मध्य प्रगाढ़ संबंध को प्रदर्शित करता यह महापर्व सभी के जीवन में ऊर्जा व उत्साह का नव संचार करे, इस अवसर पर प्रकृति संरक्षण-संवर्धन के प्रति सजगता से सतत कार्य करते रहने का संकल्प लें।जय छठी मईया॥🙏#chhathpuja#वनिता #कासनियां #पंजाब 🌷🙏🙏🌷

मेष – एलर्जी आज थोड़ी समस्या खड़ी कर सकती है एलर्जी या सर्दी-खांसी के कारण आज सेहत पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। अच्छा महसूस करने के लिए भाप लेना शुरू करें। नौकरी वाले लोगों को नए टीम के सदस्यों के साथ काम करने का मौका मिल सकता है। आज आप किसी प्रकार के रिसर्च में भी शामिल हो सकती हैं, जो आपके कार्यो में आपकी मदद करेगा। आज परिवार के सदस्य भी अपने जीवन में व्यस्त हो सकते हैं। आप काम से जुड़े मुद्दों पर परिवार के किसी बड़े सदस्य से सलाह लेने का प्रयास कर सकती हैं। आपका सामाजिक जीवन भी स्थिर बना रहेगा। लव टिप – काम में देरी पार्टनर से गलतफहमी का कारण बन सकती है। अपने पार्टनर से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं रखें एक्टिविटि टिप – स्वीमिंग करें या लंबा समय पानी में बिताएं कार्य के लिए शुभ रंग – गहरा गुलाबी प्यार के लिए शुभ रंग – पीला कर्म टिप – समस्याओं को ज्यादा नहीं बढ़ाएं वृषभ – अत्यधिक काम समस्या खड़ी कर सकता है अधूरी नींद और लंबे समय तक काम करने के कारण स्वास्थ्य संवेदनशील हो सकता है। नौकरी करने वालों के लिए आज नए प्रोजेक्ट्स या नई नौकरी पर स्पष्टता आने की संभावना हो सकती है...

मनु स्मृति में वेद ही By वनिता कासनियां पंजाबमनुस्मृति कहती है- 'श्रुतिस्तु वेदो विज्ञेय:'[6] 'आदिसृष्टिमारभ्याद्यपर्यन्तं ब्रह्मादिभि: सर्वा: सत्यविद्या: श्रूयन्ते सा श्रुति:॥'[7] वेदकालीन महातपा सत्पुरुषों ने समाधि में जो महाज्ञान प्राप्त किया और जिसे जगत के आध्यात्मिक अभ्युदय के लिये प्रकट भी किया, उस महाज्ञान को 'श्रुति' कहते हैं।श्रुति के दो विभाग हैं-1.वैदिक और2.तान्त्रिक- 'श्रुतिश्च द्विविधा वैदिकी तान्त्रिकी च।'मुख्य तन्त्र तीन माने गये हैं-1.महानिर्वाण-तन्त्र,2.नारदपाञ्चरात्र-तन्त्र और3.कुलार्णव-तन्त्र।वेद के भी दो विभाग हैं-1.मन्त्र विभाग और2.ब्राह्मण विभाग- 'वेदो हि मन्त्रब्राह्मणभेदेन द्विविध:।'वेद के मन्त्र विभाग को संहिता भी कहते हैं। संहितापरक विवेचन को 'आरण्यक' एवं संहितापरक भाष्य को 'ब्राह्मणग्रन्थ' कहते हैं। वेदों के ब्राह्मणविभाग में' आरण्यक' और 'उपनिषद'- का भी समावेश है। ब्राह्मणविभाग में 'आरण्यक' और 'उपनिषद'- का भी समावेश है। ब्राह्मणग्रन्थों की संख्या 13 है, जैसे ऋग्वेद के 2, यजुर्वेद के 2, सामवेद के 8 और अथर्ववेद के 1 ।मुख्य ब्राह्मणग्रन्थ पाँच हैं-ऋग्वेद का आवरण1.ऐतरेय ब्राह्मण,2.तैत्तिरीय ब्राह्मण,3.तलवकार ब्राह्मण,4.शतपथ ब्राह्मण और5.ताण्डय ब्राह्मण।उपनिषदों की संख्या वैसे तो 108 हैं, परंतु मुख्य 12 माने गये हैं, जैसे-1.ईश,2.केन,3.कठ,4.प्रश्न,5.मुण्डक,6.माण्डूक्य,7.तैत्तिरीय,8.ऐतरेय,9.छान्दोग्य,10.बृहदारण्यक,11.कौषीतकि और12.श्वेताश्वतर।

मनु स्मृति में वेद ही  By वनिता कासनियां पंजाब मनुस्मृति कहती है- 'श्रुतिस्तु वेदो विज्ञेय:'[6] 'आदिसृष्टिमारभ्याद्यपर्यन्तं ब्रह्मादिभि: सर्वा: सत्यविद्या: श्रूयन्ते सा श्रुति:॥'[7] वेदकालीन महातपा सत्पुरुषों ने समाधि में जो महाज्ञान प्राप्त किया और जिसे जगत के आध्यात्मिक अभ्युदय के लिये प्रकट भी किया, उस महाज्ञान को 'श्रुति' कहते हैं। श्रुति के दो विभाग हैं- 1.वैदिक और 2.तान्त्रिक- 'श्रुतिश्च द्विविधा वैदिकी तान्त्रिकी च।' मुख्य तन्त्र तीन माने गये हैं- 1.महानिर्वाण-तन्त्र, 2.नारदपाञ्चरात्र-तन्त्र और 3.कुलार्णव-तन्त्र। वेद के भी दो विभाग हैं- 1.मन्त्र विभाग और 2.ब्राह्मण विभाग- 'वेदो हि मन्त्रब्राह्मणभेदेन द्विविध:।' वेद के मन्त्र विभाग को संहिता भी कहते हैं। संहितापरक विवेचन को 'आरण्यक' एवं संहितापरक भाष्य को 'ब्राह्मणग्रन्थ' कहते हैं। वेदों के ब्राह्मणविभाग में' आरण्यक' और 'उपनिषद'- का भी समावेश है। ब्राह्मणविभाग में 'आरण्यक' और 'उपनिषद'- का भी समावेश है। ब्राह्मणग्रन्थों की संख्या 1...