चंचलता से बुद्धि का नाश.चंचलता से बुद्धि का नाशकिसी तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। तालाब के किनारे रहने वाले संकट और विकट नामक हंस से उसकी गहरी दोस्ती थी। तालाब के किनारे तीनों हर रोज खूब बातें करते और शाम होने पर अपने-अपने घरों को चल देते। एक वर्ष उस प्रदेश में जरा भी बारिश नहीं हुई। धीरे-धीरे वह तालाब भी सूखने लगा।अब हंसों को कछुए की चिंता होने लगी। जब उन्होंने अपनी चिंता कछुए से कही तो कछुए ने उन्हें चिंता न करने को कहा। उसने हंसों को एक युक्ति बताई। उसने उनसे कहा कि सबसे पहले किसी पानी से लबालब तालाब की खोज करें फिर एक लकड़ी के टुकड़े से लटकाकर उसे उस तालाब में ले चलें।उसकी बात सुनकर हंसों ने कहा कि वह तो ठीक है पर उड़ान के दौरान उसे अपना मुंह बंद रखना होगा। कछुए ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह किसी भी हालत में अपना मुंह नहीं खोलेगा।कछुए ने लकड़ी के टुकड़े को अपने दांत से पकड़ा फिर दोनो हंस उसे लेकर उड़ चले। रास्ते में नगर के लोगों ने जब देखा कि एक कछुआ आकाश में उड़ा जा रहा है तो वे आश्चर्य से चिल्लाने लगे।लोगों को अपनी तरफ चिल्लाते हुए देखकर कछुए से रहा नहीं गया। वह अपना वादा भूल गया। उसने जैसे ही कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला कि आकाश से गिर पड़ा। ऊंचाई बहुत ज्यादा होने के कारण वह चोट झेल नहीं पाया और अपना दम तोड़ दिया।Byवनिता कासनियां पंजाबइसीलिए कहते हैं कि बुद्धिमान भी अगर अपनी चंचलता पर काबू नहीं रख पाता है तो परिणाम काफी बुरा होता है।fickleness destroys intelligence,fickleness destroys intelligenceThere lived a tortoise named Kambugriva in a pond. He had a close friendship with a swan named Sankat and Vikat, who lived on the banks of the pond. On the banks of the pond all three
चंचलता से बुद्धि का नाश
चंचलता से बुद्धि का नाश
किसी तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। तालाब के किनारे रहने वाले संकट और विकट नामक हंस से उसकी गहरी दोस्ती थी। तालाब के किनारे तीनों हर रोज खूब बातें करते और शाम होने पर अपने-अपने घरों को चल देते। एक वर्ष उस प्रदेश में जरा भी बारिश नहीं हुई। धीरे-धीरे वह तालाब भी सूखने लगा।
अब हंसों को कछुए की चिंता होने लगी। जब उन्होंने अपनी चिंता कछुए से कही तो कछुए ने उन्हें चिंता न करने को कहा। उसने हंसों को एक युक्ति बताई। उसने उनसे कहा कि सबसे पहले किसी पानी से लबालब तालाब की खोज करें फिर एक लकड़ी के टुकड़े से लटकाकर उसे उस तालाब में ले चलें।
उसकी बात सुनकर हंसों ने कहा कि वह तो ठीक है पर उड़ान के दौरान उसे अपना मुंह बंद रखना होगा। कछुए ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह किसी भी हालत में अपना मुंह नहीं खोलेगा।
कछुए ने लकड़ी के टुकड़े को अपने दांत से पकड़ा फिर दोनो हंस उसे लेकर उड़ चले। रास्ते में नगर के लोगों ने जब देखा कि एक कछुआ आकाश में उड़ा जा रहा है तो वे आश्चर्य से चिल्लाने लगे।
लोगों को अपनी तरफ चिल्लाते हुए देखकर कछुए से रहा नहीं गया। वह अपना वादा भूल गया। उसने जैसे ही कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला कि आकाश से गिर पड़ा। ऊंचाई बहुत ज्यादा होने के कारण वह चोट झेल नहीं पाया और अपना दम तोड़ दिया।
इसीलिए कहते हैं कि बुद्धिमान भी अगर अपनी चंचलता पर काबू नहीं रख पाता है तो परिणाम काफी बुरा होता है।
fickleness destroys intelligence
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fickleness destroys intelligence
There lived a tortoise named Kambugriva in a pond. He had a close friendship with a swan named Sankat and Vikat, who lived on the banks of the pond. On the banks of the pond all three
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