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जानकारीबेताल पचीसी पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है। इसके रचयिता बेतालभट्ट बताये जाते हैं जो न्याय के लिये प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे। ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं। By वनिता कासनियां पंजाबबेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा। लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा से चुप नहीं रहा जाता।बैताल पचीसी की कहानियाँ भारत की सबसे लोकप्रिय कथाओं में से हैं। इनका स्रोत राजा सातवाहन के मन्त्री “गुणादय” द्वारा रचित “बड कहा” नामक ग्रन्थ को दिया जाता है जिसकी रचना ई. पूर्व ४९५ में हुई थी । कहा जाता है कि यह किसी पुरानी प्राकृत में लिखा गया था और इसमे ७ लाख छन्द थे। आज इसका कोई भी अंश कहीं भी प्राप्त नहीं है। कश्मीर के कवि सोमदेव ने इसको फिर से संस्कृत में लिखा और कथासरित्सागर नाम दिया। बड़कहा की अधिकतम कहानियों को कथा सरित्सागर में संकलित कर दिए जाने के कारण ये आज भी हमारे पास हैं। “वेताल पन्चविन्शति” यानी बेताल पच्चीसी “कथा सरित सागर” का ही भाग है। समय के साथ इन कथाओं की प्रसिद्धि अनेक देशों में पहुँची और इन कथाओं का बहुत सी भाषाओं में अनुवाद हुआ। बेताल के द्वारा सुनाई गई यो रोचक कहानियाँ सिर्फ़ दिल बहलाने के लिये नहीं हैं, इनमें अनेक गूढ अर्थ छिपे हैं। क्या सही है और क्या गलत, इसको यदि हम ठीक से समझ ले तो सभी प्रशासक राजा विक्रम कि तरह न्याय प्रिय बन सकेंगे, और छल व द्वेष छोडकर, कर्म और धर्म की राह पर चल सकेंगे। इस प्रकार ये कहानियाँ न्याय, राजनीति और विषण परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती हैं।

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बेताल पचीसी पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है। इसके रचयिता बेतालभट्ट बताये जाते हैं जो न्याय के लिये प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे। ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं। 
बेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा। लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा से चुप नहीं रहा जाता।
बैताल पचीसी की कहानियाँ भारत की सबसे लोकप्रिय कथाओं में से हैं। इनका स्रोत राजा सातवाहन के मन्त्री “गुणादय” द्वारा रचित “बड कहा” नामक ग्रन्थ को दिया जाता है जिसकी रचना ई. पूर्व ४९५ में हुई थी । कहा जाता है कि यह किसी पुरानी प्राकृत में लिखा गया था और इसमे ७ लाख छन्द थे। आज इसका कोई भी अंश कहीं भी प्राप्त नहीं है। कश्मीर के कवि सोमदेव ने इसको फिर से संस्कृत में लिखा और कथासरित्सागर नाम दिया। बड़कहा की अधिकतम कहानियों को कथा सरित्सागर में संकलित कर दिए जाने के कारण ये आज भी हमारे पास हैं। “वेताल पन्चविन्शति” यानी बेताल पच्चीसी “कथा सरित सागर” का ही भाग है। समय के साथ इन कथाओं की प्रसिद्धि अनेक देशों में पहुँची और इन कथाओं का बहुत सी भाषाओं में अनुवाद हुआ। बेताल के द्वारा सुनाई गई यो रोचक कहानियाँ सिर्फ़ दिल बहलाने के लिये नहीं हैं, इनमें अनेक गूढ अर्थ छिपे हैं। क्या सही है और क्या गलत, इसको यदि हम ठीक से समझ ले तो सभी प्रशासक राजा विक्रम कि तरह न्याय प्रिय बन सकेंगे, और छल व द्वेष छोडकर, कर्म और धर्म की राह पर चल सकेंगे। इस प्रकार ये कहानियाँ न्याय, राजनीति और विषण परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती हैं।

एक्यूप्रेशर पाइंट्स की पहचान कैसे करें? वजन कम करने के लिए कौन से बिंदुओं पर दबाब बनाना चाहिए? क्या सही जानकारी नहीं होने से शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबएक्यूप्रेशर स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। यह एक पुरानी चीनी प्रथा है। शरीर में कुछ विशेष प्वाइंट्स को अपनी उंगलियों या अंगूठे से दबाया जाता है। इससे सिरदर्द, कमर और पीठ दर्द, अनिद्रा सहित कई अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।एक्यूप्रेशर वजन घटाने के लिए भी बहुत प्रभावी माना जाता है। दरअसल यह भूख, पाचन क्रिया और मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है जिसके कारण वजन नियंत्रित रहता है। एक्यूप्रेशर का अभ्यास करना बेहद आसान है। इसे बिना साइड इफेक्ट के घर पर किया जा सकता है। आइए जानते हैं वजन घटाने के लिए शरीर में किन एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स को दबाना चाहिए।कान..कान के सामने और जबड़े के सबसे ऊपरी हिस्से पर प्रेशर प्वाइंट होता है। प्रेशर प्वाइंट ढूंढने के लिए जबड़े को ऊपर नीचे करें। जिस प्वाइंट पर प्रेशर देना है वहां सबसे ज्यादा मूवमेंट होगी। इस प्वाइंट को हर दिन एक या दो मिनट तक दबाएं। इससे भूख नियंत्रित होती है और वजन नहीं बढ़ता है।इनर एल्बोइनर एल्बो के क्रीज से एक इंच नीचे स्थित प्रेशर प्वाइंट को खोजें। इस प्वाइंट पर रोजाना 2 से 3 मिनट तक मसाज करें। इससे आंत मजबूत होती है और वजन कंट्रोल होता है।टखना..टखने के ठीक ऊपर प्रेशर प्वाइंट स्थित होता है। इस प्वाइंट को अंगूठे से पांच मिनट तक दबाएं और फिर दो मिनट रुकें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर के कई अंग सही तरीके से काम करते हैं।अंगूठाअंगूठे के नीचे स्थित प्रेशर प्वाइंट को दबाने से थायरॉयड ग्लैंड उत्तेजित होता है। इससे शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ता है। मेटाबोलिज्म बेहतर होने से वजन नियंत्रित रहता है। बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम कलाई..हथेली से दो इंच नीचे कलाई के बीच में एक्यूप्रेशर प्वाइंट खोजें। इस प्वाइंट को अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली से दबाएं। इससे पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और शरीर पर अतिरिक्त फैट नहीं जमता है।अपर लिपनाक और होंठ के बीच स्थित फिल्थ्रम को दबाने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है। इस प्वाइंट को सर्कुलर मोशन में हर दिन 2 से 3 मिनट तक दबाना चाहिए। इससे शरीर का फैट कम होता है।किसी भी व्यक्ति पर यह पद्धति अपनाने से पहले अच्छी तरह उस बिंदु के बारे मे अवश्य समझ ले वरना कोई और समस्या खड़ी हो सकती है।धन्यवाद।

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